वो समुंदर की गहराई जैसा है
वो समुंदर की गहराई जैसा है ! वो पलको के नीचे परछाई जैसा है ! मेरे एहसास को छूने वाला वो मेरे लिए खुदा की रहनुमाई जैसा है ! मान की नहीं समझा उसने कभी मुझे अपने काबिल ! पर फिर भी वो मेरे लिए खुदा की खुदाई जैसा है! और दर्द में भी वो मेरे, मेरे लिए बजती किसी शादी की शहनाई जैसा है ! वो ओस की बूंदों की नरमी जैसा है ! और सर्द रातों में मिलती किसी गरमाई जैसा है ! मेने जब भी देखा आंखों में उसकी ! मेने जब भी देखा आंखों में उसकी ! तो लगा वो मेरे दिल में छुपी किसी सच्चाई जैसा है ! मेरे एहसास को छूने वाला वो मेरे लिए खुदा की रहनुमाई जैसा है !