शायर हूं मैं 1

मेरे दिल में तो वो था और उसकी हसरतों का साया था
पर बहुत कमबख्त दिल था उसका जो खुदा तूने बनाया था
जज्बात तो थे ही नहीं उसके दिल में उसने तो हमें हमारे हालातों पे आजमाया था।

गम की दास्तां बहुत है दुनिया को सुनाने के लिए गम की दास्तां बहुत है दुनिया को सुनाने के लिए मगर मैं तो जी रहा हूं दोस्तों मुस्कुराकर बस जिंदगी को आजमाने के लिए।

क्यों आज सांसे उदास है, क्यों आज दिल खामोश है
बिना गुनाह के भी सजा हमको ही मिले वाह रे खुदा तेरा क्या खूब इंसाफ है।

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