ख्वाहिशें उनकी रखो

ख्वाहिशें उनकी रखो जो ख्वाबों में नजर आते हो

उनसे क्यों नजरें मिलाते हो जो बेवजह ही नजरें चुराते हो

और दामन उसका थामो जो इसके काबिल हो

उसके पीछे क्यों जाते हो

जो दामन से ही सारे जमाने में आग लगाते हैं

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