मेरी एक अल्फाज की बेबसी

मेरी एक अल्फाज की बेबसी को वो मेरा पूरा अंदाज समझ बैठा!

मेरे एक अल्फाज की बेबसी को वो मेरा पूरा अंदाज समझ बैठा!

और कितना खुदगर्ज है वो कि मेरी एक नाकामी को अपनी जीत का आगाज समझ बैठा!

और कितना खुदगर्ज है वो कि मेरी एक नाकामी को अपनी जीतका आगाज समझ बैठा!

और चोट खाई है उसके हाथों मोहब्बत में!
और चोट खाई है उसके हाथों मोहब्बत में!

और वही देखो मेरे हर जख्म को अपनी खुशी का एहसास समझ बैठा!

और वही देखो मेरे हर जख्म को अपनी खुशी का एहसास समझ बैठा!

कितना बेदर्द है वो और कितना बेदर्द है वो!

कि मेरीे हर बेबसी को अपने दिल के साज का अंदाज समझ बैठा!

कि मेरीे हर बेबसी को अपने दिल के साज का अंदाज समझ बैठा!

और यही है फितरत उसकी और यही है फितरत उसकी!

कि बेवफाई करकर भी उसे अपना  कोई खूवसूरत आंदाज समझ बैठा!

और खुश है वो जीतकर मुझसे और खुश है वो जीत कर मुझसे!

पर मैं हार कर भी  उस से, उसी को अपने दिल का एहसास समझ बैठा!

पर मैं हार कर भी  उस से, उसी को अपने दिल का एहसास समझ बैठा!

मगर कितना खुदगर्ज है वो कि मेरी एक नाकामी को अपनी जीत का आगाज समझ बैठा!

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