मेरी प्यारी माँ
Written By Suman Vashisht Bhardwaj तेरे दूर जाने के ख्याल से भी मैं डरता हूँ माँ। तेरे दूर जाने के ख्याल से भी मैं डरता हूँ माँ। आंखों में नमी, होठों पे खामोशी, दिल में आता है बस एक ही सवाल। जाने मैं क्यों बड़ा हो गया।। जमाने की इस भीड़ में आ के क्यों खड़ा हो गया। तेरी उंगली पकड़ मैं आज भी चलना चाहता हूँ । तेरे आंचल तले मैं उम्र भर पालना चाहता हूँ मां। कोई छीन न ले मुझे तुझसे,कोई छीन न ले मुझे तुझसे। ये डर मुझे हमेशा सताता है। माँ जब भी होता हूँ दूर तुझसे, तो तेरा वो दुलार बहुत याद आता है। माँ वो लोरियों वाला प्यार बहुत याद आता है जब भी कोई मुझे रुलात है, माँ तेरा ही चेहरा मुझे याद आता है। माँ मैं जानता हूँ तू ही मुझे संभालेगी हर दर्द से हर तकलीफ से बचालेगी। तू मुझसे कभी दूर न जाना माँ, तेरे बिन मैं रह ना पाऊंगा। तेरी जुदाई का गम मैं सह न पाऊंगा। तू ममता की मूरत है, मेरे लिए तू सारे जहां से खूबसूरत है। तू मेरी जमीन, तू मेरा आसमां है, तू ही मेरा पूरा जहां है । तेरे बिन कोई खुशी कहां है माँ,तू ही मेरा पूरा जहां है माँ।