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Showing posts from January, 2019

मैं फलक से उतार

मैं फलक से उतार कर एक नई कहानी लाऊंगा! जो ना कह सका अब तक तुझ से शायद वो अब भी ना कह पाऊंगा! लेकिन तेरे लिए ही एक बार फिर इस दुनिया में लौट के आऊंगा!

तुझ को याद करके

तुझ को याद करके मेरा दिल बस रोता है! तेरी बात करके ही खुश होता है! मुझको मालूम है तुझको नहीं गवारा मेरा ये एहसास भी! मैं तेरी खुशी के लिए इस एहसास को भी सीने में ही दफन कर लूंगा! अब मैं तुझसे कुछ ना कहूंगा! बस खुद से ही तेरी बात कर लूंगा! अब ये मेरी ज़िद है कि तेरे एहसास के साथ ही जिऊंगा! और तेरे एहसास के साथ ही मरूंगा! मगर अब नहीं मैं तुझसे भी तेरी बात करूंगा!

खलिश

जब अपनी ही खलिश दिल को चुभने लगे! जब जिंदगी किसी मोड़ पर आकर रुकने लगे! जब अपने ही जज्बात मुंह मुड़ने लगेे! जब तेरे हालात तुझ को तोड़ने लगे! तो समझ लेना ये वो दौर है! तेरी कहानियों में अब बदलाव का मोड़ है! अब तुझको खुद के साथ ही चलना है! गिर के खुद ही संभलना हैै! नहीं किसी और को तुझ को खुद को ही बदलना है! ये तेरे जज्बात का वो दौर है! तेरी कहानियों में बदलाव का मोड़ है! तेरी कहानियों में बदलाव का मोड़ है!

वो दो कदम क्या साथ चल दिया

वो दो कदम क्या साथ चल दिया! हम उम्र भर उसकी बात करते रहे! वो दूर जाता रहा हम मिलने की फरियाद करते रहे! वो हम से आंखें चुरा ता रहा! हम दिल ही दिल में उसे याद करते रहे! वो जिस मोड़ पर गया छोड़ कर! हम बरसो खड़े उसी मोड़ पर उसका इंतजार करते रहे! वो अपनी दुनिया सवार्ता रहा! हम उसे अपनी दुनिया बना के खुद को बर्बाद करते रहे! ज़िद थी वो हमारी इसलिए तो आज तक हम उससे प्यार करते रहे! उसकी चाहत को बनाकर आरजू हम अबतक खुद से ही लड़ते रहे! वो दो कदम क्या साथ चल दिया हम उम्र भर उसकी बात करते रहे

अब तो कोई मेरे दर्द को हवा दे

अब तो कोई मेरे दर्द को हवा दे ! जिसे चाहते हैं कोई तो उसे जा के बता दे! झूठ ही सही पर एक बार वो भी नजरों से इजहार जता दे! मेरी रुकी हुई धड़कन को फिर से चला दे!