written by Suman Vashisht Bharadwaj
Beautiful shayari poems ghazal of all kinds
अब तो कोई मेरे दर्द को हवा दे
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अब तो कोई मेरे दर्द को हवा दे! जिसे चाहते हैं कोई तो उसे जा के बता दे! झूठ ही सही पर एक बार वो भी नजरों से इजहार जता दे! मेरी रुकी हुई धड़कन को फिर से चला दे!
वतन ए हिंद हूं मैं ! क्या सोच के तू मुझे आंखें दिखाता है ! कितने दरिया मेरे अंदर बहते हैं! कितने फौलाद मेरे दिल में रहते हैं ! एक का भी रुख अगर तेरी तरफ मोड़ दू मैं! तेरी सारी कायनात को वीराना बना के छोड़ दूं मैं! ये मेरी है रहनुमाई जो बख्शा है अभी तक तुझको! चाहूं तो तेरी गर्दन दूर से ही मरोड़ दू मैं !
बस दो लफ्जों में खत्म मेरी कहानी हो गई ! अभी तक जो नई थी अब वो पुरानी हो गई! ये दास्ता अब बीती हुई निशानी हो गई! नए साल में नई सबकी जिंदगानी हो गई! मेरे लिए उसकी याद1साल और पुरानी हो गई! उस के लिए तो बस ये दो लफ्जों की कहानी हो गई!
ऐ ग़ालिब बहुत आए होंगे तेरी महफिल में टूटे हुए दिल के मेहमान। आशिकी के शेर भी तूने खूब सुनाएं होंगे। तूने अपनी शायरी से टूटे हुए दिल भी बहलाये होंगे। पर आज एक किस्सा मैं भी बयां करता हूं। ग़ालिब अपने टूटे हुए दिल का एक हिस्सा मैं भी बयां करता हूँ। मैं इश्क के जिन कांटों की राह से अब तक चलता था संभल के। आज उन कांटों की राह में जाने क्यों खुद को फना करता हूं। ऐ ग़ालिब इस मोहब्बत की दुनिया से मैं अब हमेशा के लिए तौबा करता हूं। अब तो हर रात मैं बस मैंखानों में ही जगा करता हूं। अब हर सुबह बस पीने की दुआ करता हूं। बस अब तो मैं इस तरह ही जिया करता हूं। रोज़ ज़हर-ए आशिकी पिया करता हूं अब तो ऐ ग़ालिब मैं भी तेरे शेर सुनकर ही जिया करताहूं
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