उसके होठों ने मेरे नाम को

उसकी बातों में कभी मेरा जिक्र हुआ तो होग!

उसकी बातों में कभी मेरा जिक्र हुआ तो होग!

उसके होठों ने मेरे नाम को छुआ तो होगा!

ना सही मैं उसके काबिल,ना सही मैं उसके काबिल!

पर मेरे ना काबिल होने का एहसास उसके दिल में हुआ तो होगा!

इस बहाने सही, इस बहाने सही!

पर मेरे किसी एहसास ने  उसके दिल को छुआ तो होगा !

मालूम है ना हम उसके हैं ना वो हमारा है!

मालूम है ना हम उसके हैं ना वो हमारा है!

पर दिल को बहलाने के लिए अब इन वाहनों का ही सहारा है!

मोहब्बत का बस यही फसाना है,मोहब्बत का बस यही फसाना है!

जीसे अब हमें अकेले ही निभाना है!

वो क्या जाने क्या दर्द है अब हमार!
वो क्या जाने क्या दर्द है अब हमार!

उसके बिन दिल को जीना अब कहां गवारा है!
उसके बिन दिल को जीना अब कहां गवारा है!

अब तो बस इन वाहनों का ही सहारा है!

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