कब आएगी वो सुबह जब भारत भी मुस्कुराएगा
कब आएगी वो सुबह जब भारत भी मुस्कुराएगा
तब आएगी वो सुबह जब नेताओं का झोला खाली हो जाएगा!
जब झूठे नारों का ना कोई स्लोगन होगा!
जब नेताओं पर ना लोगों का धन होगा!
जब भ्रष्टाचार में ना विकास कहीं गुम होगा!
जब स्वच्छता में ना दिखावे का पन होगा!
जब हर हिंदुस्तानी के दिल में एक-दूसरे के लिए अपना पन होगा!
जब झूठे नारों पर ना लोगों का वोट गवन होगा!
जब देश के चन्द अमीरों का काला धन ना विदेशों में दफन होगा!
जब सरहद पर भी चैनों अमन होगा!
जब जवानों के घर में ना मातम होगा!
जब आरक्षण के बोझ तले ज्ञान कहीं ना गुम होगा!
जब ऊंच-नीच के झगड़ो में देश ना उलझा होगा!
जब झूठे नेताओं का तांता कम होगा!
जब हम को देश पे मरने में ना कोई भ्रम होगा!
जब देश के नेताओं में भी सचा पन होगा!
जब हर हिंदुस्तानी के दिल में देश प्रेम का जज्बा दफन होगा!
तब मुस्कुराएगा भारत जब हिंदुस्तान हिंदुस्तान कहलायेगा!
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