तू जिंदगी थोड़ा मुस्कुरा के जी ले

यूं ही गुजर जएगी ये शामओ शहर !
तू इस पल को थोड़ा मुस्कुरा कर जी ले!
मेरी आरजू है तू दिल में चाहे किसी को भी बसा के जी ले!
लेकिन तू जिंदगी मुस्कुरा के जी ले!
हर गम को रख दूर तू खुद से बस खुशी को अपना के जी ले!
जिंदगी है मुस्कुराने का नाम तो, बस मुस्कुरा के जी ले!
गम की परवाह छोड़ तू  इस पल इस जमाने को जी ले!
कल का क्या है तू आज को बस अपना बना के जी ले!
तू जिंदगी थोड़ा मुस्कुरा के जिले!

Comments

Popular posts from this blog

वतन ए हिंद हूं मैं !

बस दो लफ्जों में खत्म मेरी कहानी हो गई

ऐ ग़ालिब बहुत आए होंगे तेरी महफिल में