जानें मेरे देश को ये हुआ क्या
मेरी कविता मेरा देश |
जानें मेरे देश को ये हुआ क्या हैं!
जानें मेरे देश को ये हुआ क्या हैं!
कहीं दर्द हैं,तो कहीं धुआ हैं!
जानें मेरे देश को ये हुआ क्या हैं!
जानें किस आग मे जल रहा मेरा देश!
ये किस राह पे चल रहा मेरा देश!
जिसमें कहीं आतंकवाद हैं,
तो कहीं जातिवाद का मुद्दा है!
तो कहीं असहिष्णुता की बहस हैं।
तो कहीं आरक्षण का बोझ हैं।
और कहीं धर्मों का टकराव हैं !
जानें मेरे देश को ये हुआ क्या है!
जानें ये कौन सा नया इतिहास है!
लोगों में ये कौन सा नया एहसास हैं!
जिसके बोझ तले दबत जा रहा मेरा देश!
आखिर मेरे देश को ये हुआ क्या!
जिसका इतिहास इतना सुहाना था!
ग्रंथो मे लिखा जिसका हर अफसान था!
आज उस देश को ये हुआ क्या!
कहीं दर्द है, तो कहीं धुआ है!
कहीं दर्द है,तो कहीं धुआ है।
जलती सी लो में अभी भी एहसास की समा हैं!
जलती सी लो में अभी भी एहसास की समा हैं!
संभालो मेरे देश को,मेरे देशवासियों!
ये हमारी आन बान शान का जहाँ है!
ना हिंदु का ना मुसलमान का ना शिक ना ईसाई का!
ये तो हर हिंदुस्तानी का प्यार हिंदुस्तान हैं।
ये हमार हिंदुस्तान है!
ये साब धर्मों की पहचान हैं,क्योंकि ये हिंदुस्तान हैं!
ये हमारी आन बान शान हैं ये हिंदुस्तान है!
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