क्यों महफूज नहीं बचपन ?
कोई अफसोस नहीं बीते वक्त के गुजर जाने का॥
कोई अफसोस नहीं बीतीे यादों के आने का॥
ये दर्द तो इस नए जमाने का॥
ये दर्द तो इस नए जमाने का॥
ये वक्त तो है उन नन्हे फूलों के गुनाहगारों को सबक सिखाने का॥
सोचो अफसोस है कितना उन नन्हे फूलों को न बचा पाने का॥
सोचो अफसोस है कितना उन नन्हे फूलों को न बचा पाने का॥
कैसा है दस्तूर इस नए जमाने का॥
कैसा है दस्तूर इस नए जमाने का।
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