मंजिल का पता

मेरी कविता मंजिल का पता


मुझे मेरी जिंदगी से मिला दे ऐ खुदा!

मुझे मेरी मंजिल का पता दे ऐ खुदा!

चल और कुछ ना सही रास्ता तो बता दे ऐ खुदा! 

माना कि तू ने ही दिया है ये जीवन!

अब जीना भी सिखा दे ऐ खुदा!

गमों से लड़ सकु सच्चाई पर चल सकु ऐसी तो कोई दुआ दे ऐ खुदा!

मुझे भी जिंदगी के सही मायने बता दे ऐ खुदा!

मुझे भी किसी मंजिल तक तो पहुंचा दे ऐ खुदा!

तेरी होगी बहुत मेहरबानी!

मुझे मेरे गम की दस्ता तो बता दे ऐ खुदा!

मुझे मेरी मंजिल का पता दे ऐ खुदा!

मुझे मेरी जिंदगी से मिला दे ऐ खुदा!

मुझे वो ना मिल सके!

तो उसके ना मिलने की बजह तो बता दे ऐ खुदा!



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