है तो नहीं तू मगर सुन ले
है तो नहीं तू मगर सुन ले
तेरे इश्क में मैं क्या से क्या हो गया हूं,
तेरे लिए ही नहीं मैं अपने लिए भी बुरा हो गया हूं, हर रात में जागता हूं नींदों से अपनी भागता हूं
तेरे ख्वाबों में झांकता हूं अब मैं थोड़ा सिरफिरा सा हो गया हूं,
अब मैं मैं ना रहा मैं जाने कहां खो गया हूं, मैं अपने लिए भी अब बुरा हो गया हूं।
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