यूं जो तूम मुझसे
यूं जो तूम मुझसे दूर जाने की साजिश कर रहे हो
यूं जो तुम मुझसे दूर जाने की साजिश कर रहे हो
मुझे मालूम है दिल ही दिल मुझसे मिलने की भी गुजारिश कर रहे हो।
मुझे आता है तुम को मनाना मगर मैं क्यों मनाऊं मुझे आता है तुम को मनाना मगर मैं क्यों मनाऊं तुम्हारी साजिशों को और क्यों बढ़ाऊं
(Written by Suman Vashisht Bharadwaj)
Comments
Post a Comment